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संगीत

संगीत

भारतीय संगीत मनोरंजन का साधन नहीं अपितु आत्मरंजन का सहज, सबल साधन है । भारतीय संगीत की यह विशेषता है कि मानसिक कार्यक्षमता बढ़ाने व वातावरण को मंगलमय बनाने की कला भी संगीत में ही हैं ।

 
भारतीय संगीत के रागों में अदभुत गति व सामर्थ्य है, जिससे दीप प्रज्वलित हो जाते है, मेघ बरस जाते है तथा शरीर में प्राणों का संचार हो जाता हैं ।
प्रतिभास्थली की छात्राएँ जब संगीत का अभ्यास करती है तब इस आपाधापी और कोलाहल के बीच आध्यात्मिक चेतना के मधुर स्वर गूंज उठते है, जो हमारी अंतस चेतना को स्पंदित करते हुए तन, मन और प्राणों को आत्मीयता से भर देते है । सभी के रोम-रोम, जीवन और जगत के प्रति सदभाव से भीग जाते हैं तथा सम्पूर्ण वातावरण में पवित्रता एवं दिव्यता घुल जाती है ।