चल-चरखा
अतीत काल से ही भारत अपने वस्त्र निर्माण कला के कारण विश्व का सबसे बड़ा वस्त्र उत्पादन केंद्र रहा है, परंतु मशीनीकरण के इस दौर में हमने हस्तशिल्प को बहुत ठेस पहुंचाई है। परिणाम स्वरुप भारत की आत्मा कहलाने वाले ग्रामीण क्षेत्र आज बेरोजगारी, गरीबी और पलायन जैसी गंभीर समस्याओं से जूझ रहे हैं।
ऐसी अनेक समस्याओं के समाधान हेतु परमपूज्य आचार्य गुरुवर श्री 108 विद्यासागरजी महाराज के आशीर्वाद से भारत भर में अनेकों हथकरघा प्रशिक्षण व उत्पादन केंद्र संचालित हो रहे हैं।
तिहाड़ जेल में चल चरखा
आचार्य प्रवर की आशीष छांव में मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश जैसे भारत के विभिन्न राज्यों में 9 स्थानों पर ‘चल चरखा महिला प्रशिक्षण एवं रोजगार केंद्र’ संचालित हो रहे हैं।
इसी दिशा में एक और नया कदम बढ़ा है...तिहाड़ जेल की ओर...
तिहाड़ जेल की महिला कैदियों को भी मिलेगा ज़िन्दगी सँवारने का मौका। जेल नंबर 6 में “चल चरखा महिला प्रशिक्षण एवं रोज़गार केंद्र” का शुभारंभ हुआ।
तिहाड़ जेल की महिला कैदियों को भी मिलेगा ज़िन्दगी सँवारने का मौका। जेल नंबर 6 में “चल चरखा महिला प्रशिक्षण एवं रोज़गार केंद्र” का शुभारंभ हुआ।
तिहाड़ जेल ने चल चरखा, प्रतिभामंडल न्यास के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये। यह संगठन जेलों में बंद महिला कैदियों को हथकरघा और हस्तशिल्प के क्षेत्र में कौशल प्रशिक्षण प्रदान करेगा और रिहाई के बाद इन महिला कैदियों को रोज़गार भी प्रदान करेगा।
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जाबाली खादी महोत्सव (26-30 जनवरी 2023)
गांधी जी के खादी के विचार को हर कोई जानता है, इस युग में उन विचारों को और पोषित कर रहे है- आचार्य भगवन् श्री विद्यासागर जी महाराज
चल चरखा निरंतर उनके सपनों को पूरा करने में कार्यरत है। इन्हीं सपनों को पूरा करने के बीच एक पहल कल्चरल स्ट्रीट, भवरताल, जबलपुर में आयोजित खादी महोत्सव में चल चरखा की ओर से की गयी।
चल चरखा निरंतर उनके सपनों को पूरा करने में कार्यरत है। इन्हीं सपनों को पूरा करने के बीच एक पहल कल्चरल स्ट्रीट, भवरताल, जबलपुर में आयोजित खादी महोत्सव में चल चरखा की ओर से की गयी।
इस महोत्सव के उद्घाटन समारोह में प्रतिभास्थली ज्ञानोदय विद्यापीठ की छात्राओं ने सभी को हथकरघा और पेटी चरखा का प्रशिक्षण दिया और जबलपुर के महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नुजी को हथकरघा चलाने में सहयोग दिया। 30 जनवरी को आयोजित खादी फैशनशो में Mrs. India Heritage Prerna Jadwani शो स्टॉपर ने चल चरखा की पेंटिंग साड़ी पहनी और खादी के लिए अपने विचार व्यक्त किये।
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चल-चरखा (हथकरघा विक्रय केंद्र)
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प्रतिभास्थली परिसर में हथकरघा विक्रय केंद्र की शुरुआत हुई। भव्य शोरूम के मुख्य द्वार पर गुरु जी का पादप्रक्षालन और आशीर्वाद का दृश्य बहुत आकर्षक था।
अहिंसक व शुद्ध वस्त्रों को खरीद कर हजारों लोगों ने इस कार्य की अनुमोदना का पुण्य अर्जित किया।
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चल-चरखा (हथकरघा प्रशिक्षण व उत्पादन केंद्र)
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अहिंसक व सात्विक वस्तुओं के उत्पादन हेतु कताई-बुनाई प्रशिक्षण के उद्देश्य से चल-चरखा महिला हथकरघा प्रशिक्षण केंद्र प्रतिभास्थली में भी संचालित हो रहा है।
यहाँ वर्तमान में लगभग 65 महिलाएँ प्रशिक्षण व उत्पादन का कार्य कर रही है। यहाँ से 40 से अधिक महिलाएँ प्रशिक्षण प्राप्त कर, अपना स्वयं का प्रशिक्षण व उत्पादन केंद्र संचालित कर रही हैं। ये सम्पूर्ण केंद्र महिलाओं द्वारा, महिलाओं के लिए संचालित हो रहे हैं।
भविष्य में भी इसी प्रकार के अन्य केंद्रों की स्थापना के लिए न्यास संकल्पित है। प्रतिभास्थली चल-चरखा प्रशिक्षण केंद्र बेरोजगार महिलाओं को सशक्त व सुदृढ़ रोजगार देकर उन्हें सुरक्षित भविष्य प्रदान करता है।
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हारे को बना सहारा - हथकरघा
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अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर पिंडरुखी गाँव में आचार्य श्री विद्यासागरजी महाराज के आशीर्वाद से प्रतिभामंडल की बहनों द्वारा हथकरघा रोजगार प्रकल्प का शुभारंभ किया गया।
जिसमें ब्रह्मचारी बहनों द्वारा गाँव की बेरोजगार महिलाओं को हथकरघा से वस्त्र बनाना सिखाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया गया।
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