आओ और सीखें
चल-चरखा
तिहाड़ जेल की महिला कैदियों को भी मिलेगा ज़िन्दगी सँवारने का मौका। जेल नंबर 6 में “चल चरखा महिला प्रशिक्षण एवं रोज़गार केंद्र” का शुभारंभ हुआ।
गांधी जी के खादी के विचार को हर कोई जानता है, इस युग में उन विचारों को और पोषित कर रहे है- आचार्य भगवन् श्री विद्यासागर जी महाराज
चल चरखा निरंतर उनके सपनों को पूरा करने में कार्यरत है। इन्हीं सपनों को पूरा करने के बीच एक पहल कल्चरल स्ट्रीट, भवरताल, जबलपुर में आयोजित खादी महोत्सव में चल चरखा की ओर से की गयी।
इस महोत्सव के उद्घाटन समारोह में प्रतिभास्थली ज्ञानोदय विद्यापीठ की छात्राओं ने सभी को हथकरघा और पेटी चरखा का प्रशिक्षण दिया और जबलपुर के महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नुजी को हथकरघा चलाने में सहयोग दिया। 30 जनवरी को आयोजित खादी फैशनशो में Mrs. India Heritage Prerna Jadwani शो स्टॉपर ने चल चरखा की पेंटिंग साड़ी पहनी और खादी के लिए अपने विचार व्यक्त किये।
प्रतिभास्थली परिसर में हथकरघा विक्रय केंद्र की शुरुआत हुई। भव्य शोरूम के मुख्य द्वार पर गुरु जी का पादप्रक्षालन और आशीर्वाद का दृश्य बहुत आकर्षक था।
जिसमें ब्रह्मचारी बहनों द्वारा गाँव की बेरोजगार महिलाओं को हथकरघा से वस्त्र बनाना सिखाकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया गया।