विश्व कल्याण की भावना जिनका धर्म है,
मन और इंद्रियों को जीतना जिनकी साधना है और
आत्मा का अन्वेषण जिनका लक्ष्य है,
ऐसे युगपुरुष जैन दिगंबराचार्य १०८ श्री विद्यासागर जी महाराज की चिंतनधारा से पोषित है-
प्रतिभास्थली ज्ञानोदय विद्यापीठ

हमारी प्रेरणा
विश्व कल्याण की भावना जिनका धर्म है,
मन और इंद्रियों को जीतना जिनकी साधना है और
आत्मा का अन्वेषण जिनका लक्ष्य है,
ऐसे युगपुरुष जैन दिगंबराचार्य १०८ श्री विद्यासागर जी महाराज की चिंतनधारा से पोषित है-
प्रतिभास्थली ज्ञानोदय विद्यापीठ


प्रतिभास्थली भारत-भर में अनूठा व अद्वितीय कन्या आवासीय शिक्षण संस्थान है।
यहाँ शिक्षा अर्थोपार्जन का साधन नहीं अपितु ज्ञान-दान की पावन प्रक्रिया है। यहाँ बालब्रह्मचारिणी विदूषी, प्रशिक्षित शिक्षिकायें कन्याओं के उज्जवल भविष्य के निर्माण हेतु अपनी निस्वार्थ सेवायें अहर्निश प्रदान कर रहीं है। सी. बी. एस. ई. मान्यता प्राप्त यह संस्थान आज के आधुनिक परिवेष में प्राचीन गुरुकुलों की स्मृति को पुनः जीवंत कर रहा है।
‘‘यहाँ शिक्षा का लक्ष्य जीवन का निर्वाह नहीं निर्माण है।’’
मनुजो मानवो भूयात् ।
भारत: प्रतिभारत:॥
मनुष्य बुद्धि व गुणों के विकास और संस्कारों के संवर्धन से मानव बने और भारत प्रतिभा में निमग्न हो।
दिनांक 18 फरवरी सन् 2004 में जबलपुर, पुण्य सलिला नर्मदा के पावन तट तिलवारा घाट पर आचार्यश्री 108 विद्यासागरजी महाराज चतुर्विध संघ सानिध्य में प्रतिभास्थली का शिलान्यास किया गया।
शैक्षणिक भ्रमण व यात्रायें
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16 मार्च 2025, रविवारीय प्रातः मंगल बेला में कक्षा 5-6वी की छात्राओं ने गायों के पास जाकर पशु प्रेममय होकर, उनके वात्सल्य को देखकर, गायों को दाना देकर, अस्वस्थ गायों को नवकार मंत्र सुनाकर, बूचड़खाना में पशुओं की पीड़ा को जानकर, अहिंसा के प्रति अपने भाव जागृत किए।
या श्री सा गौ:॥ का महत्व जानकर सभी छात्राओं ने भाव विभोर होकर इस भ्रमण को उद्देश्यमय बनाया।
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15 मार्च 2025 जीवन में सफलता का राज अनुशासन होता है। इस बात को गहराई से समझाते हुए कक्षा 7 एवं 8वीं की छात्राओं ने अनुशासन पर अपने विचार व्यक्त किए। कुछ प्रस्तुतियों के माध्यम से जैसे भाषण, गीत, दोहे आदि से सभा को अनुशासनमय बना दिया।

14 मार्च 2025 होली के त्यौहार पर छात्राओं ने रंगों का उत्सव मनाया। बड़ी छात्राओं ने छोटी छात्राओं पर स्नेह और वात्सल्य का रंग लगाकर आनंद लिया। और छोटी छात्राओं ने अपने नन्हें नन्हें हाथों में रंग लेकर पूरी प्रतिभास्थली भूमि पर अपना रंग फैलाया।
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प्रतिभास्थली आचार्य श्री के विचारों की एक ऐसी प्रयोगशाला है जिसमें नित-नूतन प्रयोगों के द्वारा छात्राओं का विकास किया जाता है।
पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी कक्षा 9वीं की छात्राओं द्वारा कक्षा 6-7 वीं की छात्राओं को सा.विज्ञान, विज्ञान, गणित और हिन्दी विषय का शिक्षण दिया जा रहा है। छात्रा अध्यापिका बनी इन छात्राओं को शिक्षिकाओं द्वारा विषय का प्रशिक्षण दिया जाता है। गुरूजी के आशीर्वाद से संचालित यह प्रकल्प छात्राओं में आत्मविश्वास और विषय संवर्धन का गहरा रंग भर रहा है।

आचार्यश्री 108 विद्यासागर जी महाराज के आशीर्वाद और प्रेरणा से 2018 कारोपानी, जिला डिंडोरी (म.प्र.) में प्रतिभामंडल की दीदियों द्वारा चलचरखा, हथकरघा, हस्तशिल्प केन्द्र संचालित हो रहा है। इस वर्ष उनके भावों को साकार रूप देने हेतु और आदिवासी कन्याओं को रोजगारोन्मुखी शिक्षा और स्वावलंबी जीवन की शिक्षा हेतु आचार्यश्री समयसागरजी महाराज के आशीर्वाद से ‘प्रतिभास्थली विद्योदय ज्ञानपीठ का शुभारंभ होने जा रहा है। जिसका वर्चुअल लोकार्पण केन्द्रीय गृहमंत्री श्री अमित शाह जी के द्वारा 6 फरवरी 2025 आचार्यश्री की प्रथम पुण्य तिथि के अवसर पर चंद्रगिरी क्षेत्र से किया गया।

हित का सृजन और अहित का विसर्जन यही शिक्षा का लक्षण है।
शिक्षा का कार्य व्यक्तित्व का संपूर्ण तथा सर्वांगीण विकास करना है। प्रतिभास्थली में छात्राओं के शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, संवेगात्मक, आध्यात्मिक आदि पहलुओं के विकास हेतु विविध गतिविधिओं का आयोजन किया जाता हैं और बालिकाएँ उत्साह, रूचि व उमंग के रंगों से भरी हुई विभिन्न पाठ्यसह्गामी क्रियाएँ करती है।
- हस्त कौशल
- संगीत
- नृत्य
- प्रकृति प्रेम
- पाक कला
- वार्षिकोत्सव
- खेलकूद व योग
- उत्सव और यादगार पल
- शैक्षणिक भ्रमण व यात्रायें
- सृजनात्मक अभिव्यक्ति
- गुरु चरण वंदना
- प्रेरणादायक क्षण