स्मृतियों के गवाक्ष से 2019

दुर्लभ संयोग, गुरु दर्शन का योग

विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक माननीय श्री दिनेश चन्द्र जी एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री बाल कृष्ण नाइक का आगमन गुरु चरणों में हुआ। गुरु दर्शन, गुरु आशीष और गुरु मार्गदर्शन की त्रिवेणी में सरोबोर श्रीमान जी आचार्य श्री जी के अलोकिक व्यक्तित्व से प्रभावित हुए।

प्रतिभास्थली में गुरु आशीष से संचालित हथकरघा एवं हस्तशिल्प से निर्मित वस्त्र एवं वस्तुएं देखकर प्रफुल्लित हुए। उनकी प्रसन्नता में चारचाँद लग गये। उन्होंने आचार्य श्री जी सहित समस्त दीदीओं के प्रति बहुत श्रद्धा समर्पित की।

छात्राओं रूपी नन्हे पुष्पों की जीवन रूपी बगिया को सुरभित बनाने के लिए प्रतिभास्थली नित नये प्रयोगों की केन्द्रस्थली हैं। यहाँ कदम कदम पर जीवन जीने की कला प्रयोगों के माध्यम से सिखाई जाती है।

छात्राओं का शारीरिक, मानसिक, तकनीकी, शैक्षणिक व अध्यात्मिक विकास करने हेतु प्रतिभास्थली में भौतिक विज्ञान प्रयोगशाला, रसायन प्रयोगशाला, जीवविज्ञान प्रयोगशाला, संगणक प्रयोगशाला, सामाजिक विज्ञान प्रयोगशाला, गणित प्रयोगशाला, पाकशाला, दृश्य-श्रव्य कक्ष के साथ ही योगशाला भी हैं।

इन प्रयोगशालाओं में विद्यालय की 700 छात्राएँ व्यवस्थित व निर्धारित समय के अनुसार प्रयोगों को सीखती हैं और उनसे प्राप्त अनुभव के द्वारा जीवन को संचालित करने की विधि अपनाती है।

प्राचीन संस्कृति पर आधारित इस विद्यालय में कम्प्यूटर व दृश्य- श्रव्य सामग्री द्वारा आधुनिक शिक्षा देकर छात्राओं को आधुनिक विश्व के साथ भी कदम मिलाने के योग्य बनाने का प्रयास किया जाता है। इस प्रकार जीवन एक प्रयोगशाला है और प्रतिभास्थली उसकी आधार शिला है।