प्रकृति प्रेम
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हमारा आदर्श
मनुजो मानवो भूयात् ।
भारत: प्रतिभारत:॥
मनुष्य बुद्धि व गुणों के विकास और संस्कारों के संवर्धन से मानव बने और भारत प्रतिभा में निमग्न हो।
हमारा इतिहास
शिक्षा के क्षेत्र में गहराते सघन अंधकार को मिटाने दिगम्बराचार्य 108 विद्यासागरजी महाराज ने 30 जून, 2006 को नर्मदा के पावन तट तिलवारा घाट पर इस वसुंधरा की अप्रतिम कृति ,प्राचीन व आधुनिक संस्कृति की संवाहक प्रतिभास्थली का सृजन कर अपने दिव्य प्रकाश से हृदय के गहनतम अँधेरे कोनों में प्रकाश भरना आरम्भ कर दिया।
समाचार और घटनाक्रम
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May
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May
फहरा सफलता का परचम्
प्रतिभास्थली ज्ञानोदय विद्यापीठ की पूर्व छात्रा मानसी तिवारी (सत्र 2013-14) ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) की परीक्षा में चयनित होकर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है।
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May
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समाचार और घटनाक्रम
प्रतिभास्थली ज्ञानोदय विद्यापीठ की पूर्व छात्रा मानसी तिवारी (सत्र 2013-14) ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) की परीक्षा में चयनित होकर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है।
प्रतिभास्थली ज्ञानोदय विद्यापीठ की पूर्व छात्रा मानसी तिवारी (सत्र 2013-14) ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) की परीक्षा में चयनित होकर अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है।
2 अप्रैल 2024, सूरज की पहली किरण के साथ ही प्रतिभास्थली की मार्गदर्शिका आर्यिकारत्न 105 आदर्शमति माताजी के ससंघ सानिध्य में प्रतिभा मंडल की बड़ी दीदियों के द्वारा छात्राओं के ऊपर ‘संस्कारों का अध्यारोपण’ किया गया।
शिक्षा के साथ चलें संस्कारों की ओर...
हमारी प्रेरणा
विश्व कल्याण की भावना जिनका धर्म है,
मन और इंद्रियों को जीतना जिनकी साधना है और
आत्मा का अन्वेषण जिनका लक्ष्य है,
ऐसे युगपुरुष जैन दिगंबराचार्य १०८ श्री विद्यासागर जी महाराज के शिक्षादर्शन की प्रयोगशाला है-