विद्यालय प्रांगण

प्रयोगशालायें

जीवन एक प्रयोगशाला है । बढ़ते हुए कदमों को गति देने के लिए नित नवीन प्रयोगों की आवश्यकता होती हैं। प्रयोग ज़िन्दगी की सजावट के सुंदर सजीले पुष्पों की बगिया है, जहाँ बागवान अपनी रूचि और परिश्रम से नित नये प्रयोग करते हुए नये अनुभव प्राप्त करता हैं क्योंकि “अनुभवजन्य ज्ञान ही वास्तविक ज्ञान होता हैं।”

अनुभव के बिना ज्ञान भार मात्र है इसीलिए पूज्य गुरुदेव आचार्यश्रीजी ने भी यही हम सबको सिखाया है कि – “स्वाध्याय का वर्ग प्रयोग होना चाहिए” अर्थात यदि दो घंटे अध्ययन या स्वाध्याय करते हैं, तो चार घंटे प्रयोग होना चाहिए।

छात्राओं रूपी नन्हे पुष्पों की जीवन रूपी बगिया को सुरभित बनाने के लिए प्रतिभास्थली नित नये प्रयोगों की केन्द्रस्थली हैं। यहाँ कदम कदम पर जीवन जीने की कला प्रयोगों के माध्यम से सिखाई जाती है।

छात्राओं का शारीरिक, मानसिक, तकनीकी, शैक्षणिक व अध्यात्मिक विकास करने हेतु प्रतिभास्थली में भौतिक विज्ञान प्रयोगशाला, रसायन प्रयोगशाला, जीवविज्ञान प्रयोगशाला, संगणक प्रयोगशाला, सामाजिक विज्ञान प्रयोगशाला, गणित प्रयोगशाला, पाकशाला, दृश्य-श्रव्य कक्ष के साथ ही योगशाला भी हैं।

इन प्रयोगशालाओं में विद्यालय की 700 छात्राएँ व्यवस्थित व निर्धारित समय के अनुसार प्रयोगों को सीखती हैं और उनसे प्राप्त अनुभव के द्वारा जीवन को संचालित करने की विधि अपनाती है।

प्राचीन संस्कृति पर आधारित इस विद्यालय में कम्प्यूटर व दृश्य- श्रव्य सामग्री द्वारा आधुनिक शिक्षा देकर छात्राओं को आधुनिक विश्व के साथ भी कदम मिलाने के योग्य बनाने का प्रयास किया जाता है। इस प्रकार जीवन एक प्रयोगशाला है और प्रतिभास्थली उसकी आधार शिला है।