आओ और सीखें
क्षमावाणी पर्व
क्षमा ‘वाणी’ से ही नहीं प्राणी में भी हो, ऐसे ‘क्षमावाणी पर्व’ को प्रतिभास्थली में 12 सितंबर 2017 को धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर 108 मुनि श्री विद्यासागर जी महाराज के मंगल सानिध्य में श्री जी की शोभायात्रा, अभिषेक, प्रवचन आदि कार्यक्रम सानंद संपन्न हुए।
मुनिश्री ने अपने प्रवचन में छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि- “गीली माटी को ही मन चाहा आकार दिया जा सकता है, इसलिए संत शिरोमणि आचार्यश्री 108 विद्यासागर जी महाराज ने बालिकाओं को संस्कारित करने हेतु प्रतिभास्थली का निर्माण करने की प्रेरणा दी है।”
अंत में उन्होंने कहा कि- “ जिनकी भीतर जाती श्वास आत्म-कल्याण के लिए होती है और बाहर आती श्वास पर-कल्याण के लिए होती है ऐसे आचार्य श्री 108 विद्यासागरजी की महाराज की भावना के अनुरूप निर्मित प्रतिभास्थली भारत की ह्रदयस्थली बन जाए ऐसी ही मेरी भावना है।”