कृतज्ञता (पूर्व छात्राएँ)
जब मैं अपने जीवन में प्राप्त की गई अनेक उपलब्धियों और मीलों पर विचार करती हूँ, तो मुझे अपने सम्मानित शिक्षकों के प्रति गहरी कृतज्ञता व्यक्त करने के अलावा और कुछ नहीं कहा जा सकता। उनका अटल समर्थन, समर्पण और प्रेम ने अनगिनत छात्रों और सम्पूर्ण स्कूल समुदाय के जीवन पर अविश्वसनीय प्रभाव डाला है।
विभिन्न कार्यक्रमों में वे ज्ञान और अनुभव जो उन्होंने साझा किए, नई सुविधाओं और जीवनशैली की चुनौतियों, अनुकूलन और स्वीकृति के लिए, उनका योगदान अमूल्य रहा है। उन्होंने एक पोषण और प्रेरणा देने वाले माहौल को बढ़ावा देते हुए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जहां युवा मनोबल बढ़ा सकते हैं और अपने जुनून का पता लगा सकते हैं।
इसे संभव नहीं बनाया जा सकता था उनकी सक्रिय सहभागिता, मार्गदर्शन, और वकालत के बिना। उनकी अटल प्रतिबद्धता संस्थान के प्रति न केवल वर्तमान को समृद्ध की है, बल्कि भविष्य में आने वाले छत्राओ के लिए भी है॥
अपने दिल की गहराइयों से, मैं उनके द्वारा किए गए सभी कामों के लिए धन्यवाद करती हूं और मैं इस असाधारण परिवार का हिस्सा बनने पर अत्यंत गर्वित हूं।
प्रतिभास्थली का निर्माण कर, बनाया एक अति सुंदर घर।
आचार्य श्री का स्वपन हुआ साकार, नन्ही कलीयो पर कर उपकार।
निस्वार्थ सेवा देकर अर्पण कर दिया दीदियों ने अपना जीवन ,
उचित खाद्य पानी से सीन्चा, बीज को बना दिया एक महकता उपवन।
शिक्षा हो या हो संस्कार, खेल हो या हो कोई प्रतिभा,
सर्वगुण संपन्न बन जाती यहा की हर एक आभा ।
जीवन के हर मोड़ पर साथ चलेगी सभी सीख,
निकल जाते सारे दुर्गुण चाहे हो कितने भी ढीठ।
मैं हूं जो भी आज प्रतिभास्थली की ही देन है,
कृतज्ञ हू दीदीओं का जो करती मेहनत दिन रेन है।
गिली माटी थी मैं, जब आई इस प्रांगण में,
खूबसूरत आकार देकर सजाया, रहूं जिस भी आंगन में।
जीवन की हर कला में निपुण किया है।
मेरे अधूरे जीवन को प्रतिभास्थली ने संपूर्ण किया है।
शीश चरणों में झुका रहे गुरु के, मिले आशीष यही आशा है,
चुका पाऊं कर्ज गुरु का, बस एक यही "अभिलाषा" है।
पढ़ने लिखने के आलावा हम अपने स्कूल में और कई तरह की मौज-मस्ती और अन्य मनोरंजक कार्य करते है जैसे कि खेल, नृत्य, संगीत आदि। हम स्कूल के वातावरण में काफी तेजी से विकास करते है यह वह जगह है जहा हमारे चरित्र और व्यक्तित्व को राष्ट्र निर्माण के लिये ढाला जाता है।
गुरुकृपा और गुरुमा कृपा से प्रतिभास्थली नाम की रत्नमयी तिजोरी से मुझे गुरु जी और दीदियों द्वारा मुझे दमकते मोती प्रदान किए गए इन मोतियों में मैंने योग से स्वास्थ्य , सद्वचन से शीतलता , स्वाध्याय से सद्विचार, साधना से सक्षमता, संयम से धैर्य, नियमों से संकल्प, हर वस्तु का मूल्य, स्वात्मलंबन से स्वाभिमान, परिस्थिति अनुकूल व्यवहार, सन्मार्ग से निर्जरा, आदिसे मेरा जीवन सार्थक हो रहा है और मैं इन्हें अपने पास हमेशा संभालकर रखने का प्रयत्न करती रहूंगी। एक आशा है कि गुरुजी व आप दीदियों का आशीर्वाद मुझे सदैव मिलता रहे।
नमोस्तु गुरुजी
वंदना दीदीजी
आज समाज में जो मेरी पहचान हैं वो सब आप सभी दीदियों के संस्कार, गुरुजी की शिक्षा और आशीर्वाद का परिणाम है। जब भी मेरे मां पापा घर से बाहर जाते है और लोग बोलते है की बहु हों तो आपके जैसी, हमारे घर में भी एसी ही बहु आए तो बहुत गर्व महसूस होता है। मैं सभी दीदियों को धन्यवाद देना चाहती हूं की आप सभी ने हमे इतनी अच्छी परवरिश दी है।
Pgv plays a very important role in my life, my values my culture , respect everything comes from my teachers.
Today wherever I’m in my life is all because my knowledge and values which I got from there. I miss my school a lot.
प्रतिभास्थली एक ऐसा उपाश्रम ह जहाँ गुरुजी के प्रत्येक सिद्धांत जीवंत हो उठते है... उन सिद्धांतो के संस्कारों से ही दिदियों ने हमारे व्यक्तित्व का निर्माण किया है... हमारा पोषण पल्लवन हुआ है.... और यही संस्कार हमारे जीवन मे प्रत्येक कदम पर हमारा मार्ग प्रशस्त करते है...मै गुरुजी की एवं दीदयों की प्रतिभास्थली की सदेव कृतज्ञ रहूँगी।
प्रतिभास्थली - श्रेष्ठ शिक्षा के साथ संस्कारों का एक अनुपम संगम जहाँ जीवन का निर्वाह नहीं जीवन का निर्माण होता है।
प्रतिभास्थली का महत्व चंद शब्दों में बयां करना नामुमकिन है। गुरुजी और दीदीओं के आशीर्वाद से जीवन में हर असंभव कार्य संभव हो जाते हैं। मेरा धन्य भाग्य है कि मुझे कई जन्मों के सातिषय पुण्य के योग्य से इस पावन धरा पर अपना जीवन संभारने का सुनहरा अवसर प्राप्त हुआ। जन्मों जन्मों में भी गुरूजी और दीदीओं का ऋण् चुकाना असंभव है।।
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जो आज में हूं वह सब प्रतिभास्थली में 6 साल पढ़ने के बाद दीदियों के मार्गदर्शन से ही हूं।
आज बहुत गर्व महसूस करती हूं कि जो इतना समय व्यतीत किया जो संस्कार की नगरी है वो एक जगह है जिसके बारे में जितना बोलू उतना कम है। सभी को मेरा यह कहना है कि अपनी बेटियों को जरूर प्रतिभास्थली में भेजे। मेने 6 साल में बहुत कुछ सीखा जो हमारे जीवन में हर समय काम आता है।जो संस्कार मुझे मिले है वो हम घर रहकर नही मिल पाते। मेरा परिवार भी आज गर्व महसूस करता है की उनने अपनी बेटी को प्रतिभास्थली भेजा जहां न सिर्फ शिक्षा बल्कि संस्कार और कई तरह की चीजे सीखने मिली।
Pratibhasthali is the foundation stone of my life, which build of concrete knowledge with great values. In this huddled life values gives courage, peace and the knowledge helps to work smart to achieve my goals. I really miss school and didi’s. Your guidance really helping me to live happily in this chaos world. I wish to have your blessing and guidance. ????????☺️✨
प्रतिभास्थली ने हमे वो शिक्षा दी है जो आज भी हमे परीक्षा एवं जीवन में उत्तीर्ण और अपने साथ साथ सबका निर्वाण करने में सहायक है। प्रतिभास्थली ने हमे वो पहचान दी है जिसका नाम मात्र सुन के लोगो के मन में हमारे प्रति इज्जत और सम्मान मिलता है। प्रतिभास्थली ने हम माटी को ऐसा रूप दिया है जो हर तूफान और परीक्षा से गुजरने का हौसला और समझ मिलती है। हम प्रतिभास्थली, गुरुजी और वहा की दीदियों का जितना धन्यवाद करें या शब्दों में पिरोने की कोशिश करें वह हमेशा काम ही रहेगा। उनका उल्लेख सागर के पानी को नापने जितना है जो न कभी कोई कर पाया है ना शायद कभी कर पाएगा उनका महत्व हमारे जीवन में अवर्णीय है।
प्रतिभास्थली में मेरे जीवन के एक विशेष महत्व है क्योंकि वहां से हम नन्हे बीज पौधे बने वहां से हमने अपने धर्म संस्कार और शिक्षा संस्कार दोनों को ग्रहण किया और आचार्य भगवन श्री विद्यासागर महाराज जी से विशेष कृपा पाई , प्रतिभास्थली के संस्कारों के ही कारण हमें अपना भविष्य उज्जवल दिखाई देता है✨????????
प्रतिभास्थली ने हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वह अध्ययन करके हमें यह ज्ञात हुआ कि कैसे हम अपने लक्ष्य की तरफ आगे कदम बढ़ाने के साथ साथ अपने संस्कारों और मूल्यों का पालन कर सकते हैं। जिससे हम आगे जा कर गुरुजी, दीदियों व प्रतिभास्थली का नाम ऊंचाइयों तक लेकर जा सके।
प्रतिभास्थली की भूमिका को कुछ शब्दों में बांध पाना भी मुश्किल है क्योंकि प्रतिभास्थली ने हमें जीवन का निर्माण करना सिखाया है । प्रतिभास्थली ने हमें अपनी संस्कृति, भाषा, भूमी पर गर्व करना सिखाया है , और सबसे महत्वपूर्ण प्रतिभास्थली ने हमें सिखाया है सही और गलत का भेद जो जीवन के हर गलत कदम से हमें बचाता है । प्रतिभस्थली की भूमिका को मेरा हर धन्यवाद छोटा है।
"घर से दूर;एक प्यारा-सा घर"
आज मेरे अंदर जो कुछ भी अच्छाईयां हैं वो सिर्फ प्रतिभास्थली की वज़ह से हैं।
प्रतिभास्थली एक सर्वश्रेष्ठ विद्यालय हैं जहाँ जीवन जीने की कला सिखाई जाती हैं।
और अंत में यही लिखूँगी की
शुक्रिया गुरू आपने हमें विद्या सूर्य दिया और विद्या की इन रश्मियों ने माँ का प्यार दिया।
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हर व्यक्ति को बेहतर शिक्षा और बेहतर जीवन के लिए शिक्षा की आवश्यकता होती है। जो मुझे इस विद्यालय से प्राप्त हुई। मै बहुत भाग्यशाली हू की मुझे आचार्य गुरुवर श्री विद्यासागर जी महाराज की संस्था मै पड़ने का सौभाग्य मिला। और उन 5 सालों मैं मैंने धेर्य रखना और जीवन को कैसे जिया जाता है वो सीखा।
प्रतिभास्थली ने हमे एक अलग पहचान दिलाई है। प्रतिभास्थली से पढ़ने के बाद जो संस्कार हमलोग को मिले हें वो और कहीं नहीं मिल सकते। इन ही संस्कार पर हमे और हमारे परिवार को गर्व महसूस होता है।
अचार्य गुरुदेव का आशीर्वाद है जो आज हम आपने जीवन के सभी उन्नत कार्यो मे बिना किसी विघ्न के आगे बढ़ते जा रहे हैं।
प्रतिभासताली का मेरे जीवन में बहुत महत्व हे यहा मेने जीवन का महत्व जाना हे और जीवन जीने का सही तरीका जाना हे दीदी जी ने बहुत ही प्यार से रखा हे और जीवन की कठिनाइयों का सामना करना सिखाया हे किताबी ज्ञान के साथ साथ व्यावहारिक ज्ञान भी दिया हे और जीवन जीने का सही ार्थ भी बताया हे गुरूजी का विषेस आसिष भी हमें यह मिला और हमेशा मिलता रहा जिससे जीवन की हर मुश्किल आसान हो गई और आज भी हर परेशानी में दीदी की शिक्षा और गुरूजी का आशीष साथ रहता हे और जीवन पथ पर हम आगे बढ़ते जा रहे हे दीदी जी को बहुत बहुत धन्यवाद की आपने हमे तराशा और काबिल बनाया वंदना दीदीजी वंदना दीदीजी वंदना दीदीजी।।।
‘‘यहाँ शिक्षा का लक्ष्य जीवन का निर्वाह नहीं निर्माण है।’’
वृक्ष होता है जिसकी शाखाये होती है उसमें से पहले कली खिलती है फिर फूल खिलता है फिर उसमें फल आता है । यह एक स्वतः होने वाली प्राकृतिक प्रक्रिया है । इसी प्रकार यह प्रतिभास्थली है जिसमे हम छोटी-छोटी बच्चियों ने पढ़ाई के साथ – साथ संस्कार भी ग्रहण किए हैं।
प्रतिभास्थली मेरे जीवन की निर्माण स्थली है। जिस तरह माँ की कोख में एक शिशु का निर्माण होता है वैसे ही मेरे तन, मन, वचन, धन,वन,वतन, चेतन के निर्माण की स्थली प्रतिभास्थली है। अर्थात् ये मेरे जीवन की आधारशिला है जिसने मुझे गुरु से मिलाया और मेरा मोक्षमार्ग प्रशस्त किया।

Aastha Modi
BFA
यहाँ जीवन का निर्वाह नहीं निर्माण होता है।
भावों को शब्दों में व्यक्त करने में समय लगता है, उसी प्रकार प्रतिभास्थली को कुछ शब्दों में कहने में असंभव सा लगता है, जो कहूं वह सब कम है क्योंकि ये वो जगह है जहां से मुझे सब कुछ मिला है गुरुजी की छत्रछाया हो या दीदी का वात्सल्य हो जीवन में अपने सिद्धांतो के साथ आगे बढ़ना यही से सीखा है ।
प्रतिभास्थली का मेरे जीवन मे एक अलग महत्व हैं.. यहाँ जब मे आई थी छठवी कक्षा मे तब मैने कभी नही सोचा था की इतना लम्बा सफर 12 तक का मै तय कर लूंगी न तो मै समय का महत्व समझती थी ना ही अपने आप को पर यहाँ रहकर मैने उत्तरजीविता कौशल , आत्मनिर्भरता, अनुकूलनशीलता, समयप्रबंधन और अनुशासन शीलता को सीखा... यहाँ मुझे ऐसे गुरु, दीदी जी की सरन मिली जिन्होंने किताबी ज्ञान के साथ जीवन की महत्वपूर्ण बातों का भी ज्ञान कराया और माँ जैसे ममता दी....उनका ये रिड मे कभी नही चुका सकती.... मैने बहुत गलतिया भी की... डाट भी बहुत खाई पर... उन सब से ही बहुत कुछ सीख पायी मे....और यहाँ रहकर मुझे मेरे जीवन के बहुत ही अनमोल मित्र मिले ????????

Anushka jain
DCA, BA
अतुलनीय
प्रतिभास्थली एक शैक्षणिक संस्थान नहीं बल्कि यह तो एक पूरा परिवार है। इस परिवार की प्रत्येक दीदियों का आशीर्वाद हमेशा मुझे महसूस होता है। जब भी कभी कोई भी विपत्ति सामने आती है तब ऐसा एहसास होता है मानो दीदी मेरे साथ हैं और मुझे प्रोत्साहित कर रहीं हैं । गुरुजी के सिद्धांत ही हैं जो हमारी नाव को डूबने नहीं देते। जीवन तो सभी काट रहे हैं परंतु प्रतिभास्थली ने जीवन को सही ढंग से जीना सिखाया है।
प्रतिभास्थली ने मुझे एक बेहतर मनुष्य बनाया। मुझे गुरु के सम्मान के साथ उनके प्रति निस्वार्थ समर्पण, स्वयं को सही मार्ग पर हर हाल में कैसे बनाएं रखें, निस्वार्थ प्रेम और अपनापन क्या होता है वो सिखाया। सबसे महत्वपूर्ण बात की आचार्य गुरुवर का समय, वो जैसा चाहते हैं हमें वैसा ढाला गया, एक सच्चा और अच्छा मनुष्य बनाया गया जो दुर्लभ है।
"प्रतिभास्थली एक ऐसा संस्थान जहां जीवन का निर्वाह नहीं निर्माण होता है"। यहां हमें सिर्फ लौकिक शिक्षा ही नहीं परन्तु नैतिक शिक्षा को भी पढ़ाया जाता है।जो की बाहर हम कहीं प्राप्त नहीं कर सकते है।और आज जो भी मेरे अंदर संस्कार का बीज उत्पन्य हुआ है वो मुझे पीजीवी ने ही दिया है,इसलिए प्रतिभास्थली मेरे जीवन में महत्वपूर्ण है। और मैं उसकी आभारी हूं।।

भावना जैन
Ba
संघर्षमय जीवन का उपसंहार हर्षमय होता है
प्रतिभास्थली मेरे जीवन का अंग है।यहां से मिले संस्कार,ज्योति की तरह मेरे जीवन को प्रति पल रोशन करते हैं और मुझे सच्चे और अच्छे मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।मुझे दुनिया की अंधी दौड़ में चलने से रोकते हैं और अपने स्वरूप का भान करवाते हैं।मैं आभारी हूं,गुरुजी और उन गुरुमाओ की जिन्होंने कंकरो को शंकर बनाने का सफल प्रयास किया है।भावना बस इतनी सी है की जिनकी छत्र छाया में पले बड़े हैं उनकी छवि बन सकें।????????????????????????
प्रतिभास्थली एक अद्वितीय संस्था है मेरे जीवन इसकी एक अहम भूमिका है यहां मुझे गुरु की छत्रछाया मिली एक नई पहचान मिली,अनुशासन सीखने मिला आत्मविश्वास मिला आत्मानिर्भर कैसे बनेगा वो शिक्षा मिली, मुझे शिक्षा के साथ मानवता का गुण मिला और इंसानों के लिए भावनाएं मिली मुझे इस स्कूल की विद्यार्थी होने का गर्व है।

भावना जैन
B A
यहाँ शिक्षा का लक्ष्य जीवन का निर्वाह नहीं निर्माण है।
आज जो कुछ हूँ सब कुछ pgv और दीदी जी की वजह से ये सच है की यहाँ जीवन का निर्वाह नही निर्माण होता है|आज जो कुछ बन पाई लोगो के सामने आत्मविश्वास के साथ अपनी बात बोल पाती हूँ| दीदी जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया जो अपने आज मुझे इस काबिल बनाया आज मै पुरे गर्व के साथ बोलती हूँ की मै प्रतिभास्थली की छात्रा हूँ ????
प्रतिभास्थली का मेरे जीवन में इतना महत्व है कि उसे शब्दों में व्यक्त करना बहुत मुश्किल है। गुरुजी की क्षत्रछाया और सभी दीदी जी का प्यार इतना ज्यादा याद आता है कि ऐसा लगता है क्यों हो गए हम इतने बड़े ,इससे अच्छा तो पूरा जीवन छोटे होकर वहीं बिताना अच्छा लगता। आप सभी की डांट की सबसे ज्यादा याद आती है दीदी, कि जो जितना ,जैसा आपने सिखाया है सब यहां इतना ज्यादा काम आता है , खुद को संभालना , किस तरीके से जीवन जीना है, हर कठिनाई का सामना कैसे करना है और भी बहुत कुछ। आपने हमे कुछ इस तरह से सवार दिया है कि पूरी दुनिया से लड़ने और जीतने की ताकत हम रखते हैं। बड़ी दीदियों की वो आशाएं अपनी आंखो में दिखाई देती हैं , बस अब उन्हें पूरा करना ही हमारा उद्देश्य है । आखिर में बस इतना ही लिखूंगी कि गुरूजी और अपने माता-पिता के सपनो को सही तरीके से पूरा करना ही अब हमारा लक्ष्य है।
वंदना दीदी जी ????????????
प्रतिभास्थली का मेरे जीवन में इतना महत्व है कि उसे शब्दों में व्यक्त करना बहुत मुश्किल है। गुरुजी की क्षत्रछाया और सभी दीदी जी का प्यार इतना ज्यादा याद आता है कि ऐसा लगता है क्यों हो गए हम इतने बड़े ,इससे अच्छा तो पूरा जीवन छोटे होकर वहीं बिताना अच्छा लगता। आप सभी की डांट की सबसे ज्यादा याद आती है दीदी, कि जो जितना ,जैसा आपने सिखाया है सब यहां इतना ज्यादा काम आता है , खुद को संभालना , किस तरीके से जीवन जीना है, हर कठिनाई का सामना कैसे करना है और भी बहुत कुछ। आपने हमे कुछ इस तरह से सवार दिया है कि पूरी दुनिया से लड़ने और जीतने की ताकत हम रखते हैं। बड़ी दीदियों की वो आशाएं अपनी आंखो में दिखाई देती हैं , बस अब उन्हें पूरा करना ही हमारा उद्देश्य है । आखिर में बस इतना ही लिखूंगी कि गुरूजी और अपने माता-पिता के सपनो को सही तरीके से पूरा करना ही अब हमारा लक्ष्य है।
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प्रतिभास्थली का मेरे जीवन में इतना महत्व है कि उसे शब्दों में व्यक्त करना बहुत मुश्किल है। गुरुजी की क्षत्रछाया और सभी दीदी जी का प्यार इतना ज्यादा याद आता है कि ऐसा लगता है क्यों हो गए हम इतने बड़े ,इससे अच्छा तो पूरा जीवन छोटे होकर वहीं बिताना अच्छा लगता। आप सभी की डांट की सबसे ज्यादा याद आती है दीदी, कि जो जितना ,जैसा आपने सिखाया है सब यहां इतना ज्यादा काम आता है , खुद को संभालना , किस तरीके से जीवन जीना है, हर कठिनाई का सामना कैसे करना है और भी बहुत कुछ। आपने हमे कुछ इस तरह से सवार दिया है कि पूरी दुनिया से लड़ने और जीतने की ताकत हम रखते हैं। बड़ी दीदियों की वो आशाएं अपनी आंखो में दिखाई देती हैं , बस अब उन्हें पूरा करना ही हमारा उद्देश्य है । आखिर में बस इतना ही लिखूंगी कि गुरूजी और अपने माता-पिता के सपनो को सही तरीके से पूरा करना ही अब हमारा लक्ष्य है।
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प्रतिभास्थली की सभी शिछिकाओ की मै पूर्ण जीवन आभारी रहूंगी,किताबी ज्ञान के साथ धार्मिक ज्ञान ,सांसारिक जीवन का ज्ञान हमे प्रदान किया,हम काबिल बन सके ऐसे ढालने का पूर्ण प्रयास किया,बाहरी दुनिया से बचाया,प्रतिभास्थली में गुजारा हर वो एक पल मेरे जीवन को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
मैं जीवन परयंत सभी आदरणीय दीदी जी एवं गुरूजी की आभारी रहूंगी।
धन्यवाद आप सभी दीदी जी को मेरे जीवन में अहम भूमिका निभाने हेतु।
प्रतिभास्थली मेरे जीवन में बहुत बड़ा उपकार है वह मेरे परिवार जैसा है |मुझे प्रतिभास्थली से बहुत कुछ सीखने को मिला है |प्रतिभास्थली ही एक ऐसी भूमि है जहां लड़कियों को कई प्रकार की शिक्षाएं प्रदान की जाती है| यहां लड़कियों को आत्म सम्मान के साथ जीना सिखाया जाता है| प्रतिभास्थली एक ऐसी पवित्र भूमि है जहां कण-कण में आचार्य विद्यासागर जी महाराज जी विराजमान है|