मंगल यात्रा का मंगलमय मुकाम गिरनार पर्वत
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एक अनोखे अंदाज में आगाज हुई यात्रा, एक अलबेले अंदाज में अंजाम तक पहुंची। इस मंगलमय यात्रा का मंगल मुकाम था- गिरनार पर्वत। भगवान नेमिनाथ की निर्वाणस्थली और राजुल की वैराग्यभूमि गिरनार पर्वत की चारों टोंक की कठिन चढ़ाई नौवी कक्षा की छोटी छात्राओं ने हंसते-हंसते चंद घंटों में संपन्न कर ली।
उनके उत्साह और पुण्य की प्रतिभास्थली परिवार भूरी-भूरी सराहना करता है।
9 से 19 अक्टूबर 2019 की इस 10 दिन की यात्रा में पावागढ़, तारंगाजी और गिरनार पर्वत जैसे तीन-तीन सिद्ध क्षेत्रों की वंदना, एकता की मूर्ति सरदार वल्लभ भाई पटेल, रिवर राफ्टिंग, आनंद दूध डेयरी, रानी की वाव(पाटन), मोढेरा-सूर्य मंदिर, नडाबेट हिंदुस्तान-पाकिस्तान सीमा रेखा, सैनिकों से साक्षात्कार, सोमनाथ मंदिर, गिर का जंगल, जूनागढ़, अहमदाबाद का दांडी कुटीर, साबरमती आश्रम, अक्षरधाम, विज्ञान नगर, कांकरिया झील जैसे ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण छात्राओं को जीवन पर्यंत के लिए यादगार बन कर रह गये।
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