दुर्लभ संयोग, गुरु दर्शन का योग
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विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक माननीय श्री दिनेश चन्द्र जी एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री बाल कृष्ण नाइक का आगमन गुरु चरणों में हुआ। गुरु दर्शन, गुरु आशीष और गुरु मार्गदर्शन की त्रिवेणी में सरोबोर श्रीमान जी आचार्य श्री जी के अलोकिक व्यक्तित्व से प्रभावित हुए।
प्रतिभास्थली में गुरु आशीष से संचालित हथकरघा एवं हस्तशिल्प से निर्मित वस्त्र एवं वस्तुएं देखकर प्रफुल्लित हुए। उनकी प्रसन्नता में चारचाँद लग गये। उन्होंने आचार्य श्री जी सहित समस्त दीदीओं के प्रति बहुत श्रद्धा समर्पित की।
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'अंग्रेजी माध्यम का भ्रमजाल' पुस्तक का मराठी संस्करण विमोचन
श्री संक्रांत सानु जी के और वेटेरनरी के कुलपति श्री प्रयाग दत्त ज्वाल के हस्तकमलों से आचार्य श्री के ससंघ सान्निध्य में अंग्रेज़ी माध्यम का भ्रमजाल नामक पुस्तक के मराठी संस्करण का विमोचन हुआ। इस पुस्तक के लेखक श्री संक्रांत सानु जी हैं। और इसका मराठी में अनुवाद प्रतिभामंडल की दीदी ब्र. श्वेता दीदी और ब्र. मनीषा दीदी जी के सतत पुरुषार्थ के परिणाम स्वरुप हुआ। इस पुस्तक के मराठी अनुवाद के प्रेरणास्रोत आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज हैं। आचार्य श्री जी इस अंग्रेज़ी के भ्रमजाल में गुमराह होती युवा पीढ़ी को इस पुस्तक के माध्यम से सही दिशा निर्देश देना चाहते हैं।
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पूर्णायु प्रणेता महावैध के सानिध्य में वैधरत्नों की संगोष्ठी
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श्रुतपंचमी के पावन अवसर पर महावैध आचार्य गुरूवर परम पूज्य 108 विद्यासागर जी महाराज के परम सानिध्य में पूर्णायु आयुर्वेद कौशलम् संगोष्ठी का आयोजन हुआ। जिसमें भारत भर के आयुर्वेद ख्याति प्राप्त वैधरत्नों ने अपने-अपने ज्ञान के माध्यम से आयुर्वेद पर प्रकाश डाला।
अंत में कुशल वैधरत्न जीवनदाता, पूर्णायु प्रणेता आचार्य भगवन ने प्रज्ञा अपराध जैसे विषयों को वैधश्रेष्ठों के सामने बड़ी कुशलता से परोसा। आचार्यश्री जी ने आयुर्वेद की पताका को भारत ही नहीं विश्व में फहराने व देश के वैभव को सम्पन्न बनाने का आशीर्वाद प्रदान किया।
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डॉ. प्रकाश आमटे को मिला नया प्रकाश
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प्रतिभास्थली की धरती पर विराजमान आचार्य गुरूवर परम पूज्य 108 विद्यासागर जी महाराज के दर्शनार्थ पधारे पद्मश्री और मैगसेसे पुरस्कृत, आदिवासियों के तारणहार डॉ. प्रकाश आमटे व मंदाकिनी आमटे को आज गुरू प्रसाद के रूप में नया दिशा निर्देश मिला।
आचार्य श्री जी ने उन्हें उनके क्षेत्र में, उनके ही लोगों के बीच कुछ नये कार्यों को करने की प्रेरणा दी। गौशाला, हथकरघा, वन्य जीव अभ्यारण्य और जलप्रबंधन जैसे कार्यों के माध्यम से आदिवासियों के जीवन स्तर को और ऊँचा उठाने का मार्गदर्शन दिया। डॉ. प्रकाश आमटे एक समाज सेवक के रूप में आदिवासियों के बीच में सेवारत हैं।
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कोटा-बूंदी सांसद ओम बिरला का गुरू चरणों में पदार्पण
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कोटा-बूंदी सांसद ओम बिरला, जी.एम.ए. अध्यक्ष राकेश कुमार जैन के साथ आज वर्तमान के वर्धमान आचार्य भगवन श्री विद्यासागर जी महाराज के दर्शनार्थ प्रतिभास्थली जबलपुर पहुँचे।
आचार्य श्री जी ने बिरला से चर्चा करते हुए कहा कि भारत में वर्षा के जल को बनाये रखने के लिए नदियों को जोड़ेने की आवश्यकता है। ऐसा करने से खेती, जानवर, पशु, पक्षी और मनुष्य सभी को पर्याप्त पानी मिल सकेगा और वर्षा से जो जल व्यर्थ बह जाता हे उसे अक्षुण रखा जा सकेगा।
बिरला ने कहा की मेरी भावना है कि आचार्य श्री जी को भारत रत्न से नवाज़ा जाये इसके लिये मैंने अपनी ओर से राष्ट्रपति महोदय को पत्र लिखा है। शीघ्र ही आचार्य गुरूवर परम पूज्य 108 विद्यासागर जी महाराज को भारत रत्न की उपाधि से अलंकृत किया जाना चाहिए।
परिवर्तन परिधान का, सौभाग्य आहारदान का
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तीर्थंकर स्वरुप भगवंत आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज का आहारदान आज 12 मई 2019 दिन रविवार को प्रतिभास्थली परिवार को प्राप्त हुआ है।
प्रतिभामंडल में 16 बहनों के परिधान परिवर्तन के साथ ही आज युग शिरोमणी पूज्य गुरुदेव को नवधाभक्ति पूर्वक आहारदान देकर सभी उत्साह और उमंग से भर गये। माहौल ऐसा बन गया जैसे सम्पूर्ण भारत के चौके-चौके में गुरुवर का आहारदान हो रहा हो। धन्य हैं, धन्य हैं, धन्य हैं मेरे गुरुवर....
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समर्पण को मिला संयम का उपहार
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शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वावलम्बन की भूमि *प्रतिभास्थली जबलपुर* में 11 मई 2019 दिन शनिवार, पुष्यनक्षत्र योग में, 23 मुनिराजों के दीक्षा दिवस पर 16 बहनों का प्रतिभामंडल में प्रवेश हो गया।
1999 में 27 बहनों से शुरू हुआ प्रतिभामंडल आज 290 की संख्या के साथ एक विशाल वट वृक्ष का रूप धारण कर चुका है। संयम की मूर्ति आचार्य भगवन ने कर्तव्य दीक्षा देकर प्रतिभामंडल को कृतार्थ किया है।
संस्कारित छात्रा बनी प्रतिभामंडल की सदस्य
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प्रतिभास्थली जबलपुर में बढ़ी-पढ़ी छात्रा कु. आशिका जैन ने प्रतिभामंडल में प्रवेश पाकर प्रतिभास्थली के संस्कारों के सौरभ को दिगदिगंत तक फैलाया है। बहुत-बहुत वधाई!
सफलता के इतिहास का नया अध्याय
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10वीं बोर्ड परीक्षा में शत-प्रतिशत परिणाम के साथ सभी छात्राएं प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुई हैं।
प्रतिभास्थली जबलपुर की कुल 60 छात्राओं में से 12 छात्राओं ने 90% से अधिक और 33 छात्राओं ने 80% से अधिक अंक प्राप्त किये। कु. प्रज्ञा जैन 95.6% अंको के साथ प्रथम स्थान पर रही।
आचार्य श्री जी का सभी को शुभाशीष व प्रतिभस्थली परिवार की शुभकामनाएँ।
प्रतिभास्थली की भूमि पर पूर्णायु का शिलान्यास
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शिक्षा के साथ-साथ चिकित्सा के क्षेत्र में व्याप्त अंधकार को दूर करने हेतु प्रतिभास्थली की भूमि पर पूर्णायु आयुर्वेदिक औषधालय और महाविद्यालय का शिलान्यास अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर दिनांक 7 मई 2019 को प्रात: 7:30 बजे आचार्यश्री जी के ससंघ सानिध्य में सम्पन्न होने जा रहा है।
नर्मदा के तट पर स्थित पुण्य भूमि की पुण्य सलिला में स्नपित होकर सभी पुण्य लाभ अर्जित करने हेतु आमंत्रित है।
परिश्रम का फलदान - 12वीं का शत-प्रतिशत परिणाम
प्रतिभास्थली की १२वीं कक्षा की छात्राओं ने शत-प्रतिशत परिणामों के साथ सफलता का परचम लहराया। गुरु कृपा से बाँसुरी बना मैं तो ठेठ बाँस था। साक्षात् तीर्थंकर स्वरूप आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के आशीर्वाद से संचालित प्रतिभास्थली की 12वीं कक्षा की 74 छात्राओं ने उत्तीर्ण होकर एक नया इतिहास बनाया है। 12 छात्राओं ने 90-96% अंक प्राप्त कर प्रतिभास्थली की विजय पताका फहराई है।
वाणिज्य संकाय में- कु. शुभ्रा जैन-96%
कला संकाय में- कु. कशिश जैन-94.2%
विज्ञान संकाय में- कु. अंशिका जैन-92%
कला संकाय में- कु. कशिश जैन-94.2%
विज्ञान संकाय में- कु. अंशिका जैन-92%
अंकों के साथ प्रथम स्थान पर रही हैं। कु. देशना जैन ने मनोविज्ञान विषय में 100 अंक , कु. शुभांगी जैन ने गृहविज्ञान विषय में 99 अंक प्राप्त किये हैं। आचार्य श्री जी का सभी को शुभाशीष व प्रतिभस्थली परिवार की शुभकामनाएँ।
मन के मंतव्य को मिला गंतव्य
जिनकी अंदर आती श्वास आत्मकल्याण के लिए और बाहर आती श्वास परकल्याण के लिए होती है ऐसे स्वपरहितकारी राष्ट्रचिंतक आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महाराज के अंतर भावों ने आकार लिया और दयोदय की धरा पर गौधाम के साथ-साथ आरोग्यधाम और विद्यालय के साथ-साथ चिकित्सा महाविद्यालय की स्थापना का संकल्प लिया गया। आचार्य श्री जी की सततप्रेरणा, आशीर्वाद और उनकी साक्षात् सन्निधि ने नर्मदा के तट पर शिक्षा, स्वास्थ्य और स्वावलम्बन रूपी त्रिवेणी की निर्मल धारा प्रवाहित की है।
औषधालय को मिली पहचान- "पूर्णायु"
दयोदय की भूमि पर नवोदित औषधालय को गुरूमुख से नया नाम मिला- "पूर्णायु आयुर्वेदिक औषधालय"
नाम मिलते ही जय-जयकारों के नारों से वातावरण गुरूमय हो गया। संरक्षिणी सभा के निवेदन पर समस्त समाज के सामने गुरूजी ने इस संस्थान को नयी पहचान देते हुए कहा- "ये औषधालय मानव मात्र को उसकी पूर्णायु तक पहुँचाने का तन मन धन से पुरुषार्थ करेगा ऐसी मेरी भावना है।"
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जिनश्री ने किया गुरू चरणों में निवेदन
भारत की सीमाओं से पार, दुबई(UAE) से प्रतिभास्थली में आकर पढ़ने वाली कक्षा छठवीं की छात्रा जिनश्री जैन ने विश्व वंदनीय आचार्य प्रवर श्री विद्यासागरजी महामुनिराज के मंच से गुरूचरणों में निवेदन किया। उन्होंने कहा कि आपकी कृपा ने मुझे दुबई में रहकर भी भारत का बना दिया। आपके समोशरण का लाभ हम सभी को हमेशा मिलता रहे।
आचार्यश्री जी के मंच पर न्याय की अदालत
प्रतिभास्थली की छात्राओं ने न्याय की अदालत कार्यक्रम के द्वारा अंग्रेज़ी माध्यम के भ्रमजाल में गुमराह होती युवा पीढ़ी पर अपने वाक् बाणों से कुठाराघात किया और मातृभाषा के महत्व को बताया। आचार्यश्री जी ने कार्यक्रम की प्रशंसा में अपना मुस्कानों से भरा आशीर्वाद दिया।
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गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंहजी का गुरू चरणों में पदार्पण
केन्द्रीय गृहमंत्री श्री राजनाथ सिंह जी का आज 21 अप्रेल 2019 दिन रविवार को सुबह 11:20 पर प्रतिभास्थली जबलपुर के प्रांगण में आगमन हुआ। उन्होंने प्रतिभास्थली के आंगन में विराजमान राष्ट्रसंत आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के पादपद्मों का प्रक्षालन किया। अर्घ्य समर्पण के पश्चात राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा सम्पन्न हुई। आचार्य श्री जी का आशीर्वाद प्राप्त कर वो कृतकृत्य हो गये।
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बुद्दि की पराकाष्ठा का अनूठा उदाहरण
प्रतिभास्थली जबलपुर में कक्षा नवमीं की छात्रा आरूषी जैन ने विश्व वंदनीय आचार्य प्रवर श्री विद्यासागरजी महामुनिराज के मंच से अपनी प्रखर प्रतिभा का परिचय दिया। आरूषी जैन गणितीय गणना में कुशल है। मंच से प्रश्नकर्ताओं ने किसी भी अंक के जोड़, घटाना, पहाड़ें पूछे। बुद्दि संपन्न आरूषी ने तत्काल उत्तर दिये। आचार्य श्री जी ने आरूषी को अपनी भव्य मुस्कान के साथ आशीर्वाद दिया।
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समयसार का संपादन, स्वर्णाक्षरों में लेखन
आत्मा का सार जिसमें छुपा है ऐसे श्री समयसार ग्रंथराज का चांदी के पृष्ठों पर स्वर्णाक्षरों में लेखन का कार्य ब्र. भैया जी ने हज़ारों वर्षों के लिए जिनवाणी को सुरक्षित करने का पुण्य कार्य किया है। प्रतिभास्थली जबलपुर के आंगन में 9 अप्रेल 2019 को आचार्य गुरुवर श्री विद्यासागर जी महाराज के मंच से 11 किलो वजन वाले इस महान ग्रंथ को 11 लाख 11 हज़ार 111रू. की बोली के साथ ज्ञानदान के रूप में ब्र. विजयलक्ष्मी दीदी जी (भूतपूर्व डिप्टीकलेक्टर) ने इस युग के श्रेष्ठतम आचार्य श्री के करकमलों में भेंट करने का सौभाग्य प्राप्त किया।
आचार्य श्री जी ने कहा यह अनमोल ग्रंथ है इसका कोई मोल नहीं किया जा सकता है। स्वयं गुरुवर ने इस की आयु दसलाख वर्ष बताई है। इस का मतलब यह हुआ कि यह ग्रन्थाधिराज आगामी चतुर्थ काल तक धर्म का वाहक बनेगा।
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प्रज्ञा ने दिया अपनी प्रज्ञा का सही परिचय
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प्रतिभास्थली जबलपुर की प्रथम बैच की छात्रा कु. प्रज्ञा जैन, 2017 में अपनी प्रखर प्रज्ञा के बल पर प्रथम प्रयास में ही C.A. के पद पर नियुक्त हो गयी थीं।
आज 12 अप्रेल 2019 को उन्होनें अपनी नौकरी के प्रथम दो वेतन 1 लाख 11 हज़ार रू. का दान गुरूचरणों में विद्यादान के रूप में करके अपनी चंचला लक्ष्मी का सदुपयोग कर गुरू मुस्कान और आशीष का उपहार प्राप्त किया। उन्होनें अपनी इस सफलता का श्रेय गुरूजी के आशीर्वाद और प्रतिभास्थली से प्राप्त शिक्षा को दिया है। हम उनके इस कार्य की सराहना करते हैं।
प्रतिभास्थली के उपवन में खिली वैराग्य की कली (2 अप्रेल 2019)
प्रतिभास्थली में विराजमान आचार्य श्री विद्यासागरजी के श्री चरणों में कु. मुस्कान जैन आरोन, कक्षा 12वीं की छात्रा ने आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत का संकल्प लेकर अपनी जीवन निर्मात्री शाला के आंगन मे ही जीवन निर्माण की ओर कदम बढ़ाया। प्रतिभास्थली परिवार उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता है।
आचार्य श्री जी के मंच से प्रतिभास्थली की रंगारंग प्रस्तुति
प्रतिभास्थली की छात्राओं ने 1 अप्रेल 2019, सोमवार को आचार्य श्री जी के मंच से भव्य प्रस्तुति दी।
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दिव्य पुरूष की दिव्य देशना (28 मार्च 2019)
- जो कषाय करता है वह उसका फल भोगता है और जो कषाय जीतता है वह महावीर बनता है।
- भावों के अनुसार गति होती है। स्वयंभूरमण द्वीप का महामत्स्य और उसी के कान में रहने वाला तन्दुल मत्स्य अशुभ परिणामों के कारण सातवें नरक जाते है, ये प्रज्ञा अपराध है, जबकि शुभ परिणामों के कारण वही स्वर्ग चले जाते हैं।
- कस्तूरी नाभि में रहती है लेकिन ज्ञान के अभाव में मृग भटकता रहता है वैसे ही यह संसारी प्राणी है। पंचेन्द्रिय विषयों में फंसा निज की सुध भूल रहा है, इसीलिए संसार में भटक रहा है।
- अर्थ पुरूषार्थ में दो अर्थ के बीच में पुरूष (आत्मा) है एक अर्थ "धन" और दूसरे का अर्थ है "के लिए" अर्थात धन का उपार्जन आत्मोन्न्ति के लिए किया जाना चाहिए।
भक्त के घर भगवान आ गये (28 मार्च 2019)
अपूर्व अवसर,
अलौकिक आनंद, अदभुत महिमा,
वर्तमान के वर्धमान आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का पड़गाहन प्रतिभास्थली के आँगन में हुआ।
अदभुत दृश्य, गुरूकृपा का जीवंत उदाहरण,
धन्य भाग्य, सौभाग्य...
बधाई बधाई बधाई...
अलौकिक आनंद, अदभुत महिमा,
वर्तमान के वर्धमान आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का पड़गाहन प्रतिभास्थली के आँगन में हुआ।
अदभुत दृश्य, गुरूकृपा का जीवंत उदाहरण,
धन्य भाग्य, सौभाग्य...
बधाई बधाई बधाई...
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27 मार्च 2019
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वीतरागी के चरणों में राग का परित्याग
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आचार्य श्री विद्यासागरजी के चरणों में नित नूतन दृश्यों के दर्शन होते ही रहते है। मंगलवार 26-03-19 को प्रतिभास्थली के प्रांगण में ऐसे ही एक अद्भुत दृश्य का अवलोकन किया गया।
प्रतिभास्थली, जबलपुर की 12वीं कक्षा की छात्रा कु. आशिका जैन (बांधकपुर) ने आजीवन ब्रह्मचर्य व्रत लेकर जीवन पर्यंत गुरु आज्ञा के अनुसार चलने का संकल्प लिया। आचार्यश्रीजी का वरद हस्त उस पर हमेशा बना रहे। प्रतिभास्थली परिवार उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता है।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंहजी का गुरू चरणों में पदार्पण
राष्ट्र संत आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के चरणों में राजनीतिज्ञों, विशेषज्ञों, साहित्यकारों जैसे दिग्गजों की कतार लगी रहती है। 26 मार्च को शिक्षा संस्थान प्रतिभास्थली में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंहजी गुरू चरणों में उपस्थित हुए। उन्होंने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आचार्य श्री ने संस्कार शिक्षा और श्रम की त्रिवेणी आपको दी है। आप बहुत भाग्यशाली है और में भी बहुत भाग्यशाली हूँ, मुझे इस वर्ष में चार बार गुरू चरणों में आने का सौभाग्य मिला। उन्होने प्रतिभास्थली श्रमदान का भी अवलोकन किया।
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आत्मीयता आत्मा की औषधि– (22-03-19)
आत्मशिल्पी, आत्मनिमग्न साधक गुरुवर श्री विद्यासागरजी महाराज जब अपनी आत्मा से बाहर निकलकर पर के ऊपर दृष्टिपात करते है, तो जन-जन का कल्याण कर देते है। इसी करुणा और आत्मीयता के भावों से भरी लेखनी से कुछ हाइकु का सृजन हुआ–
मैं तो आत्मा हूँ
पर से आत्मीयता
मेरा श्वास है।।
पर से आत्मीयता
मेरा श्वास है।।
दो दो पंख लो
राष्ट्रीय पक्षी बनो
पक्षपात धिक्।।
राष्ट्रीय पक्षी बनो
पक्षपात धिक्।।
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जबलपुर सांसद श्री राकेश सिंह जी का गुरू चरणों में पदार्पण
आचार्य श्री जी के चरणों में जबलपुर के सांसद श्री राकेश सिंह जी का आगमन हुआ। उन्होंने गुरू चरणों का स्पर्श किया।
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