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महाराष्ट्र यात्रा के पूरे हुए सपने

 
कक्षा 9 वीं की 128 छात्राओं की महाराष्ट्र यात्रा 23 नवम्बर 23 को जबलपुर से प्रारम्भ होकर 30 नवम्बर 23 मुंबई जाकर पूर्ण हुई। यात्रा के दौरान छात्राओं ने गजपंथा, नासिक, पंचवटी, गोदावरी, अन्जनगिरी, मांगीतुंगी, इमेजिका, पुणे और मुंबई जैसे स्थानों का भ्रमण किया। छात्राओं के शैक्षिक, धार्मिक, मनोरंजनात्मक, ऐतिहासिक और आध्यात्मिक सभी पक्षों का विकास हुआ।
 
मायानगरी मुंबई में छात्राओं ने विज्ञान केंद्र, नेहरु प्लेनेटोरियम, नरीमनपॉइंट, गेटवे ऑफ़ इण्डिया, ताज होटल देखने का भरपूर आनंद लिया और अंत में भूलेश्वर जैन मंदिर में भक्ति में लीन छात्राओं को देख भागती मुम्बई कुछ देर के लिए थम-सी गई। आचार्यश्रीजी की कृपा से हर जगह छात्राओं का भव्य स्वागत हुआ।

 
 
 
 
 
 
 
 
 

स्वतंत्रता दिवस 2023

प्रतिभास्थली के प्रांगण में मनाया गया आजादी का 76 वाँ महोत्सव
 
‘शहीदों की यादों’ से भरे आजादी के इस दिन को प्रतिभास्थली की छात्राओं ने अपनी रंगारंग प्रस्तुतियों के द्वारा इतिहास के पन्नों पर स्वर्णाक्षरों में अंकित कर दिया है। प्रतिभास्थली की प्रेरणास्रोत आर्यिका श्री 105 आदर्शमति माताजी के ससंघ सानिध्य में छात्राओं ने ध्वजा वंदन और बैंड शो के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों के शानदार प्रदर्शन के द्वारा दर्शकों का मन मोह लिया। शतरंज के खेल द्वारा पाश्चात्य संस्कृति पर भारतीय संस्कृति की जीत का वृहंगम दृश्य प्रस्तुत किया गया। आर्यिका माताजी ने अपने उद्बोधन में छात्राओं को भारत की बेटी बनने की प्रेरणा दी।
 
 
 

वीरांगनाओं के जय-जयकारों से गूंज उठा प्रतिभास्थली का पावन परिसर

 
गुरु भक्ति संगीत पर नन्हें-मुन्हें बाल-कलाकारों द्वारा प्रस्तुत मंगलाचरण ने सबका मन मोह लिया। डॉ. हरीसिंह गौर विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. नीलिमा गुप्ता ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।

पुर्तगालियों को हराने वाली भारत की प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी दिगंबर जैन रानी अबक्का के शौर्य और वीरतापूर्ण कृत्यों को देखकर लोगों में जोश का संचार हो गया। इतिहास के पृष्ठों में दबी इस छवि से लोगों का परिचय हुआ।
 
रानी अहिल्या का प्रजा के प्रति अद्भुत प्रेम के नजारे देख जन सामान्य अभिभूत हो गया। व्यापार द्वारा साम्राज्य के विस्तार की उनकी नीति और हथकरघा उद्योग द्वारा राज्य के विकास की योजना बना जन-जन का मन जीतने की रानी अहिल्या की अभूतपूर्व कला ने वर्तमान पीढ़ी को आश्चर्य में डाल दिया।

शतरंज की रानी से भारत की स्वतंत्रता की कहानी सुन लोग द्रवीभूत हो उठे। बुद्दिबल के प्रयोग द्वारा आजादी के संघर्ष को खेल-खेल में लोगों को समझा देना, इस कार्यक्रम का गौरव था।
 
 
 
सौगंध तुझे इस मिट्टी की... इस गीत पर आधारित नृत्य नाटिका ने लोगों में देशभक्ति का संचार कर दिया। सेना के महत्व को लोगों ने समझा और भावभीने भावों से कार्यक्रम की सराहना की।

प्रतिभास्थली का यह वार्षिकोत्सव सिर्फ मनोरंजन का कार्यक्रम नहीं है अपितु भारत के गौरवपूर्ण अतीत के द्वारा भारत के स्वर्णिम भविष्य के निर्माण की एक पहल है।
 
 
 
 
 
 
 

जीविका आश्रम में छात्राओं ने किया श्रम (19 फरवरी 2023)

जबलपुर से 30 किलोमीटर दूर बसे इंद्राणा गांव में आशीष गुप्ता द्वारा संचालित ‘जीविका आश्रम’ में कक्षा 10वीं की छात्राओं ने भ्रमण किया। भारतीय ग्रामीण संस्कृति पर आधारित यह आश्रम पूरी तरह से ग्रामीण विरासत को सहेज रहा है।

छात्राओं ने वहाँ प्रकृति से साक्षात्कार किया, ग्रामीण संस्कृति को समझने का प्रयास किया और श्रम की साधना की। वहाँ छात्राओं ने कुम्हार की कला, बांस से सामान बनाना, गोबर से घर की लिपाई, पत्थरों पर पॉलिश और पेड़ पर चूने से पुताई की। व्यावहारिक जीवन के इन कार्यों को करते हुये छात्राओं ने अद्भुत अनुभव और गहरा ज्ञान प्राप्त किया।
 
 
 

गुरु दर्शन कर हर्षित हुआ मन (18 फरवरी 2023)

 
छत्तीसगढ़ की धरा पर स्थित चन्द्रगिरी तीर्थ में विराजमान आचार्यश्री 108 विद्यासागरजी महाराज के पावन चरणों में पहुँचकर कक्षा 12वीं की छात्राओं ने उनके दर्शन और पूजन का लाभ लिया।

इस अवसर पर छात्राओं ने अपना भावभीना पत्र गुरुजी को पढ़कर सुनाया और अपना हस्तनिर्मित प्रतीकात्मक चित्र भी उनके चरणों में समर्पित किया। बोर्ड परीक्षा की सफलता हेतु सभी ने आशीर्वाद भी प्राप्त किया। हम उनके पुण्य की बहुत-बहुत अनुमोदना करते हैं।
 
 

एक शाम बरगी बाँध के नाम (17 फरवरी 2023)

कक्षा 12वीं का नया सत्र शुरू होने से पूर्व छात्राओं ने बरगी में विराजमान आर्यिकारत्न 105 ऋजुमतिमाताजी के दर्शन कर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। आहारदान के लाभ के साथ ही माताजी के मुखारविंद से णमोकार मंत्र के उच्चारण द्वारा 12वीं कक्षा के नवीन सत्र का मंगलाचरण हुआ।

माताजी का आशीर्वाद प्राप्त कर सभी छात्राओं ने बरगी नगर में नर्मदा नदी पर स्थित ‘रानी अवन्ति बाई सागर बाँध’ का भ्रमण किया। जल की गति से विद्युत ऊर्जा कैसे उत्पन्न की जाती है, इसका बहुत गहराई से ज्ञान प्राप्त किया। सभी छात्राओं ने क्रूज भ्रमण का लुफ्त भी उठाया। इस सुखद यात्रा के यादगार पल उन्हें हमेशा याद रहेंगे।
 
 
 

कारोपानी की कहानी, छात्राओं की मुँहजवानी (16 फरवरी 2023)

 
डिंडोरी से 20 किलोमीटर दूर स्थित ‘श्याममृग का प्राकृतिक आवास स्थल, कारोपानी’ में वर्तमान में संत शिरोमणि आचार्यश्री विद्यासागरजी महाराज के आशीर्वाद से चलचरखा प्रशिक्षण केंद्र संचालित हो रहा है। कक्षा 12वीं की छात्राओं ने वहाँ जाकर चरखा और हथकरघा का प्रशिक्षण लिया और वहाँ कार्यरत महिलाओं का साक्षात्कार भी लिया।

चलचरखा ‘महिलाओं के जीवन की संजीवनी’ है, ‘गुरुकृपा का प्रसाद’ है, महिलाओं के मुख से यह सुनकर छात्रायें बहुत प्रसन्न हुईं। नर्मदा नदी में नौका विहार का आनंद और श्याममृग को करीब से देखने हेतु उनके पीछे भागने का पागलपन बहुत ही मनोरंजक था।
 
 

हेमलकसा 2020: संस्कारों के सफर की संवेदनात्मक स्मृतियाँ

 
वैसे तो यात्रा की अनुभूतियां सुखद एहसास कराती हैं, लेकिन जब यात्रा शैक्षिक,सामाजिक,राजनीतिक,ऐतिहासिक,धार्मिक और आध्यात्मिक उद्देश्य को ध्यान में रखकर की जाए तो वही यात्रा संवेदनशीलता, मौलिकता, नवीनता, निर्भीकता, रचनात्मकता, आत्मीयता जैसे मूल्यों का हृदय में बीजारोपण कर देती है।

कक्षा 11वीं की छात्राओं ने 15 से 20 फरवरी, 2020 के दौरान वर्धा, आनंदवन, हेमलकसा जैसे स्थानों का भ्रमण कर इन्हीं अनुभूतिओं को समेटा और अनेक गुणों को अपने अंतरंग में सहेजा।
 
मुनि श्री योगसागरजी ससंघ का चौका, पड़गाहन, आहारदान के लाभ से प्रारंभ यात्रा हेमलकसा के प्राणी संग्रहालय और आनंदवन के कुष्ठ रोगियों के सुखद जीवन के रहस्यों को आस्वादन कर समाप्त हुई।

वर्धा में छात्राओं ने गांधीजी का सेवाग्राम, विनोबाजी का पवनार आश्रम और निवेदिता निलय का अवलोकन किया और गांधीजी और विनोबा भावे के जीवनदर्शन से परिचित हुए।