हेमलकसा 2020: संस्कारों के सफर की संवेदनात्मक स्मृतियाँ
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वैसे तो यात्रा की अनुभूतियां सुखद एहसास कराती हैं, लेकिन जब यात्रा शैक्षिक,सामाजिक,राजनीतिक,ऐतिहासिक,धार्मिक और आध्यात्मिक उद्देश्य को ध्यान में रखकर की जाए तो वही यात्रा संवेदनशीलता, मौलिकता, नवीनता, निर्भीकता, रचनात्मकता, आत्मीयता जैसे मूल्यों का हृदय में बीजारोपण कर देती है।
कक्षा 11वीं की छात्राओं ने 15 से 20 फरवरी, 2020 के दौरान वर्धा, आनंदवन, हेमलकसा जैसे स्थानों का भ्रमण कर इन्हीं अनुभूतिओं को समेटा और अनेक गुणों को अपने अंतरंग में सहेजा।
मुनि श्री योगसागरजी ससंघ का चौका, पड़गाहन, आहारदान के लाभ से प्रारंभ यात्रा हेमलकसा के प्राणी संग्रहालय और आनंदवन के कुष्ठ रोगियों के सुखद जीवन के रहस्यों को आस्वादन कर समाप्त हुई।
वर्धा में छात्राओं ने गांधीजी का सेवाग्राम, विनोबाजी का पवनार आश्रम और निवेदिता निलय का अवलोकन किया और गांधीजी और विनोबा भावे के जीवनदर्शन से परिचित हुए।
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